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‘जंगम’ का विलोम शब्द है-
‘जंगम’ का विलोम ‘स्थावर’ होता है। ‘जंगम’ से तात्पर्य ‘जो एक स्थान से चलकर दूसरे स्थान पर जाता हो’ से है, जबकि ‘स्थावर’ का अर्थ ‘अचल’ से है। दूसरे शब्दों में ‘स्थावर’ का अर्थ है ‘जो एक स्थान पर ही जमा रहता हो या वहाँ से कभी ना हटता हो’।
"अपेक्षा" का विलोम शब्द है :-
‘अपेक्षा’ का विलोम ‘उपेक्षा’ है। अपेक्षा का अर्थ है- चाह या आशा, जबकि उपेक्षा का अर्थ है -उदासीनता, तिरस्कार, निरादर, अवहेलना।
‘शाश्वत’ का विलोम है-
‘शाश्वत’ का विलोम ‘नश्वर’ होता है। शाश्वत से तात्पर्य ‘हमेशा रहने वाला अर्थात अमर होने’ से है, जबकि ‘नश्वर’ का अर्थ ‘नष्ट होने वाला’ से है।
"आमोद-प्रमोद" का विलोम शब्द है :-
‘आमोद-प्रमोद’ का विलोम ‘वेदना-दुःख’ है, क्योंकि आमोद-प्रमोद का अर्थ होता है ‘हँसी-खुशी (आनंद)’, जबकि वेदना-दुःख का अर्थ होता है ‘कष्ट’।
"तामसिक" का विलोम शब्द है :-
‘तामसिक’ का विलोम ‘सात्विक’ है।
इन नामों में से एक की वर्तनी अशुद्ध है:
वर्तनी की दृष्टि से अशुद्ध शब्द विकल्प (D) है। इसका शुद्ध वर्तनी रूप होगा - राहुल सांकृत्यायान। इसके अतिरिक्त विकल्प वर्तनी की दृष्टि से शुद्ध है।
स्वर संबंधी अशुद्ध वर्तनी है-
‘समुद्रिक’ शब्द में स्वर संबंधी अशुद्ध वर्तनी है। इसका शुद्ध वर्तनी शब्द ‘सामुद्रिक’ है। जबकि शेष की वर्तनी शुद्ध है।
व्यंजन संबंधी अशुद्ध वर्तनी है-
‘बाल्मीकि’ शब्द में व्यंजन संबंधी अशुद्ध वर्तनी है। इसका शुद्ध वर्तनी शब्द ‘वाल्मीकि’ है। जबकि ‘श्रीमति’ और ‘बारात’ में स्वर संबंधी अशुद्ध वर्तनी है इसका शुद्ध वर्तनी शब्द श्रीमती और बरात हैं। तथा ‘कांच’ में अनुस्वार-अनुनासिक संबंधी अशुद्ध वर्तनी है तथा इसका शुद्ध वर्तनी शब्द 'काँच' है।
वर्तनी की दृष्टि से अशुद्ध शब्द विकल्प (D) है। इसका शुद्ध वर्तनी रूप होगा - आशीर्वाद। इसके अतिरिक्त विकल्प वर्तनी की दृष्टि से शुद्ध है।
निम्नलिखित में से शुद्ध वर्तनी हैं-
रचयिता शुद्ध वर्तनी हैं, रचयिता का अर्थ है- रचना करनेवाला।
Correct (-)
Wrong (-)
Skipped (-)