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UP TET 2019 Hindi Test - 5
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UP TET 2019 Hindi Test - 5
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  • Question 1/10
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    निम्नलिखित में से कौन-सा शब्द ‘महावत’ का पर्यायवाची शब्द नहीं है?

    Solutions

    पर्यायवाची का संधि विच्छेद पर्याय+वाची जहा 'पर्याय' का अर्थ है- 'समान' तथा 'वाची' का अर्थ है- 'बोले जाने वाले' अर्थात जिन शब्दों का अर्थ एक जैसा होता है, उन्हें 'पर्यायवाची शब्द' कहते हैं।

    दिए गए विकल्पों में महावत शब्द का पर्यायवाची जांगलिक शब्द नहीं है अन्य शब्द महावत के पर्यायवाची शब्द है।

    महावत का पर्यायवाची शब्द - हाथीवान, पीलवान, फीलवान, आकुंशिक

    सपेरा का पर्यायवाची शब्द – चक्राट, जांगलिक, आहितुंडिक

     

  • Question 2/10
    1 / -0

    निम्न में से अघोष वर्ण हैं

    Solutions

    वर्ण - हिन्दी भाषा में प्रयुक्त सबसे छोटी इकाई वर्ण कहलाती है।

    अघोष वर्ण-  जिन वर्णों के उच्चारण में नाद की जगह केवल श्वाँस का उपयोग होता हैं, उन्हे अघोष वर्ण कहते हैं। इनकी संख्या 13 होती है। क, ख, च, छ, ट, ठ, त, थ, प, फ, श, ष, स

     

  • Question 3/10
    1 / -0

    निम्न में से शुद्ध वर्तनी है।

    Solutions

    दिए गए विकल्पों में लोहार शब्द की वर्तनी शुद्ध है अन्य विकल्पों की वर्तनी में अशुद्धि है

    अशुद्ध शब्दों की शुद्ध वर्तनी –

    अशुद्ध शब्द - शुद्ध शब्द

    ओघोगिक – औघोगिक

    पारलोकिक – पारलौकिक

    यथेष्ठ – यथेष्ट

     

  • Question 4/10
    1 / -0

    "छाया" कहानी के लेखक है।

    Solutions

    छाया कहनियों का संग्रह है जिसकी रचना जयशंकर प्रसाद द्वारा की गयी थी

    छाया (प्रथम कहानी-संग्रह, 6 कहानियाँ)—ग्राम, चन्दा, रसिया बालम, मदन-मृणालिनी, तानसेन।

    छाया के दूसरे संस्करण में छह कहानियाँ शामिल की गई हैं— शरणागत, सिकन्दर की शपथ, चित्तौर का उद्धार, अशोक, जहाँआरा और ग़ुलाम

    जयशंकर प्रसाद की अन्य रचनाएँ – राज्यश्री, विशाख, अजातशत्रु, जनमेजय का नागयज्ञ

     

  • Question 5/10
    1 / -0

    "प्रेमातुर" शब्द का समास विग्रह क्या है?

    Solutions

    समास - समास का तात्पर्य होता है – संछिप्तीकरण। इसका शाब्दिक अर्थ होता है छोटा रूप। अथार्त जब दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर जो नया और छोटा शब्द बनता है उस शब्द को समास कहते हैं।

     

  • Question 6/10
    1 / -0

    निम्नांकित विकल्पों में से कौन-सा ‘तद्भव’ शब्द है? सही विकल्प बताए।

    Solutions

    तद्भव= तत्+भाव जिसका अर्थ है विकसित या उससे उत्पन्न होना। अर्थात वे शब्द जो संस्कृत या उससे उत्पन्न हुए हैं। या ऐसे संस्कृत शब्द जो कुछ रूप परिवर्तन के साथ हिंदी शब्दावली में आ गए।

    तत्सम= तत+सम= उसके समान अर्थात ऐसे शब्द जो संस्कृत से हिंदी में आये और ज्यों के त्यों रहे, तत्सम शब्द कहलाते हैं।

    बिजली शब्द तद्भव शब्द है अन्य विकल्पो का तत्सम रूप दिया गया है।

    तत्सम शब्द – तद्भव शब्द

    रात्रि – रात

    वेदना – बेदना

    लोमश – लोमड़ी

    विद्युत – विद्युत

     

  • Question 7/10
    1 / -0

    निम्न में से पुल्लिंग शब्द क्या है?

    Solutions

    ऐसे शब्द जिनसे पुरुष जाति या स्त्री जाति का बोध हो ऐसे शब्दों को लिंग कहते है।

    पुल्लिंग – जिन शब्दों से पुरुष जाति का बोध हो उन शब्दों को पुल्लिंग शब्द कहते है।

    दिए गए विकल्पों में दिल्ली शब्द पुल्लिंग शब्द है क्योकि देशों और नगरों के नाम पुल्लिंग जाति के होते है, अन्य शब्द स्त्री जाति का बोध करते है। –

    रामायण - पुस्तकों के नाम स्त्रीलिंग जाति का बोध करते है - कुरान, गीता

    सतलुज - नदियों के नाम स्त्रीलिंग जाति का बोध करते है - रावी, कावेरी, कृष्णा

    अमावस्या - तिथियों के नाम स्त्रीलिंग जाति का बोध करते है - पूर्णिमा, एकादशी

     

  • Question 8/10
    1 / -0

    निम्न में से कौन-सा रस है?

    "जथा पंख बिनु खग अति दीना। मनि बिनु फनि करिबर कर हीना॥
    अस मम जिवन बंधु बिनु तोही। जौं जड़ दैव जिआवै मोही॥"

    Solutions

    रस का शाब्दिक अर्थ है - निचोड़। काव्य में जो आनन्द आता है वह ही काव्य का रस है। काव्य में आने वाला आनन्द अर्थात् रस लौकिक न होकर अलौकिक होता है। रस काव्य की आत्मा है। संस्कृत में कहा गया है कि "रसात्मकम् वाक्यम् काव्यम्" अर्थात् रसयुक्त वाक्य ही काव्य है

    दिए गए वाक्य में करुण रस है

    जथा पंख बिनु खग अति दीना। मनि बिनु फनि करिबर कर हीना॥

    अस मम जिवन बंधु बिनु तोही। जौं जड़ दैव जिआवै मोही॥

    भावार्थ -

    जैसे पंख बिना पक्षी, मणि बिना सर्प और सूँड बिना श्रेष्ठ हाथी अत्यंत दीन हो जाते हैं, हे भाई! यदि कहीं जड़ दैव मुझे जीवित रखे तो तुम्हारे बिना मेरा जीवन भी ऐसा ही होगा

    करुण रस - इसका स्थायी भाव शोक होता है इस रस में किसी अपने का विनाश या अपने का वियोग, द्रव्यनाश एवं प्रेमी से सदैव विछुड़ जाने या दूर चले जाने से जो दुःख या वेदना उत्पन्न होती है उसे करुण रस कहते हैं यधपि वियोग श्रंगार रस में भी दुःख का अनुभव होता है लेकिन वहाँ पर दूर जाने वाले से पुनः मिलन कि आशा बंधी रहती है

     

  • Question 9/10
    1 / -0

    "लक्ष्मिच्छा" शब्द में संधि कौन सा है?

    Solutions

    संधि - दो वर्णों के मेल को संधि कहते है।

    लक्ष्मिच्छा = लक्ष्मी + इच्छा ( दीर्घ संधि )

    नियम – ई + इ = ई

    दीर्घ संधि - ह्रस्व या दीर्घ अ, आ, इ, ई, उ, ऊ और ऋ के बाद ह्रस्व या दीर्घ अ, आ, इ, ई, उ, ऊ और ऋ स्वर आ जाएँ तो दोनों मिलकर दीर्घ आ, ई, ऊ और ऋ हो जाते हैं। इस मेल से बनने वाली संधि को दीर्घ स्वर संधि कहते हैं।

     

  • Question 10/10
    1 / -0

    "अव्यय" शब्द के कितने भेद होते है?

    Solutions

    अव्यय का शाब्दिक अर्थ होता है – जो व्यय न हो। जिनके रूप में लिंग , वचन , पुरुष , कारक , काल आदि की वजह से कोई परिवर्तन नहीं होता उसे अव्यय शब्द कहते हैं।

    अव्यय का मूल रूप स्थिर रहता है,कभी बदलता नहीं है। जैसे – आज, काल, किन्तु, परन्तु

    अव्यय के भेद :-

    1) क्रिया-विशेषण अव्यय – धीरे – धीरे, प्रतिदिन

    2) संबंधबोधक अव्यय – आगे, पीछे

    3) समुच्चयबोधक अव्यय – और, जो ...तो,यदि...तो

    4) विस्मयादिबोधक अव्यय – वाह!, आह!

     

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