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Hindi Test 316
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Hindi Test 316
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    Directions For Questions

    निर्देश: नीचे दिए गए परिच्छेद में कुछ रिक्त स्थान छोड़ दिए गए हैं तथा उन्हें प्रश्न संख्या से दर्शाया गया है। ये संख्याएँ परिच्छेद के नीचे मुद्रित हैं, और प्रत्येक में सामने (a), (b), (c) (d) और (e) विकल्प दिए गए हैं। इन पांचों में से कोई एक इस रिक्त स्थान को पूरे परिच्छेद के संदर्भ में उपयुक्त ढंग से पूरा कर देता है। आपको वह विकल्प ज्ञात करना है, और उसका क्रमांक ही उत्तर के रूप में दर्शाना है। आपको दिए गए विकल्पों में से सबसे उपयुक्त का चयन करना है।


    (1) बहुत ही बुरी चीज होती है क्योंकि इसकी जड़ें अज्ञानता में फैली होती हैं। यह हमारे भय, निराशा, असहायता व ज्ञान की कमी को दर्शाता है। यह बहुत ही दुखद है की बहुत से पढ़े-लिखे लोग भी अंधविश्वासों में जकड़े होते हैं। इस ज्ञान और विज्ञान के युग में यह हमारी बौद्धिक निर्धनता को दिखाता है। यह बहुत ही मूर्खतापूर्ण है की जब (2) किसी बात को समझ नहीं पाता है तो वह उस चीज के लिए अंधविश्वासी हो जाता है। हम इन्हें दैवीय कारण समझकर डरने लगते हैं। बहुत से अंधविश्वास बहुत ही हास्यास्पद बन जाते हैं, जैसे कि 13 नंबर को अशुभ माना जाता है या कोई छींक दे तो यात्रा के लिए मत जाओ। इसी प्रकार बिल्ली के रास्ता काटने से माना जाता है की कुछ बुरा होने वाला है। उल्लू की आवाज़ या भेड़िये की आवाज़ सुनकर अनहोनी की (3) करना, यह सब अंधविश्वास के कारण हैं। इससे यह पता चलता है की हम मानसिक स्तर पर आज भी आदिम युग में ही जी रहे हैं। कई जगहों पर तो यह भी माना जाता है की अगर घोड़े की नाल को घर के दरवाजों पर लगा दिया जाए तो वह सौभाग्य का (4) होता है। इन सभी अंधविश्वासों को मानना वास्तव में हास्यास्पद है। अंधविश्वास किसी (5) समाज या देश से नहीं जुड़े हैं बल्कि यह हर जगह पाए जाते हैं। अंधविश्वास में आस्था रखने वालों में अधिकतर गरीब, अनपढ़ व निचले तबके के लोग हैं। हम वैज्ञानिक सोच का प्रचार-प्रसार करके अंधविश्वासों में कमी ला सकते हैं। कारण व तथ्यों की मदद से सभी अनसुलझे (6) को सुलझाया जा सकता है और अंधविश्वास की जड़ों पर प्रहार किया जा सकता है। आज से कुछ शताब्दी पूर्व चेचक को भगवान् का (7) समझा जाता था। लेकिन मेडिकल विज्ञान की सहायता से इसे जड़ से ख़त्म कर दिया गया। इसके लिए आधुनिक चिकित्सा विज्ञान की प्रशंसा करनी चाहिए। कई बार ईश्वर को प्रसन्न करने के लिए मानव बलि की ख़बरें सुनाई देती हैं। यह कैसी (8) है ? यही अंधविश्वास हमें एक ही समय में हंसाने और रुलाने, दोनों का ही कार्य करता है। इसका सुधार सिर्फ लोगों में शिक्षा और ज्ञान के प्रचार द्वारा किया जा सकता है। अंधविश्वास के अनेक नुकसान है। हम इसके जाल में पड़कर अपना धन और (9) नष्ट करते है। कई बार तांत्रिकों के जादू टोने व्यक्तियों की जान तक ले लेते है। बच्चो की बलि दे दी जाती है। इतना ही नही औरतों की इज्जत से खिलवाड़ भी किया जाता है। अंधविश्वास से कभी किसी तरह का कोई (10) नही होता है। सिर्फ नुकसान ही होता है।

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    दिए गये विकल्पों में से सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिये
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    अन्धविश्वास बहुत ही बुरी चीज होती है क्योंकि इसकी जड़ें अज्ञानता में फैली होती हैं। यह हमारे भय, निराशा, असहायता व ज्ञान की कमी को दर्शाता है। यह बहुत ही दुखद है की बहुत से पढ़े-लिखे लोग भी अंधविश्वासों में जकड़े होते हैं।
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    Directions For Questions

    निर्देश: नीचे दिए गए परिच्छेद में कुछ रिक्त स्थान छोड़ दिए गए हैं तथा उन्हें प्रश्न संख्या से दर्शाया गया है। ये संख्याएँ परिच्छेद के नीचे मुद्रित हैं, और प्रत्येक में सामने (a), (b), (c) (d) और (e) विकल्प दिए गए हैं। इन पांचों में से कोई एक इस रिक्त स्थान को पूरे परिच्छेद के संदर्भ में उपयुक्त ढंग से पूरा कर देता है। आपको वह विकल्प ज्ञात करना है, और उसका क्रमांक ही उत्तर के रूप में दर्शाना है। आपको दिए गए विकल्पों में से सबसे उपयुक्त का चयन करना है।


    (1) बहुत ही बुरी चीज होती है क्योंकि इसकी जड़ें अज्ञानता में फैली होती हैं। यह हमारे भय, निराशा, असहायता व ज्ञान की कमी को दर्शाता है। यह बहुत ही दुखद है की बहुत से पढ़े-लिखे लोग भी अंधविश्वासों में जकड़े होते हैं। इस ज्ञान और विज्ञान के युग में यह हमारी बौद्धिक निर्धनता को दिखाता है। यह बहुत ही मूर्खतापूर्ण है की जब (2) किसी बात को समझ नहीं पाता है तो वह उस चीज के लिए अंधविश्वासी हो जाता है। हम इन्हें दैवीय कारण समझकर डरने लगते हैं। बहुत से अंधविश्वास बहुत ही हास्यास्पद बन जाते हैं, जैसे कि 13 नंबर को अशुभ माना जाता है या कोई छींक दे तो यात्रा के लिए मत जाओ। इसी प्रकार बिल्ली के रास्ता काटने से माना जाता है की कुछ बुरा होने वाला है। उल्लू की आवाज़ या भेड़िये की आवाज़ सुनकर अनहोनी की (3) करना, यह सब अंधविश्वास के कारण हैं। इससे यह पता चलता है की हम मानसिक स्तर पर आज भी आदिम युग में ही जी रहे हैं। कई जगहों पर तो यह भी माना जाता है की अगर घोड़े की नाल को घर के दरवाजों पर लगा दिया जाए तो वह सौभाग्य का (4) होता है। इन सभी अंधविश्वासों को मानना वास्तव में हास्यास्पद है। अंधविश्वास किसी (5) समाज या देश से नहीं जुड़े हैं बल्कि यह हर जगह पाए जाते हैं। अंधविश्वास में आस्था रखने वालों में अधिकतर गरीब, अनपढ़ व निचले तबके के लोग हैं। हम वैज्ञानिक सोच का प्रचार-प्रसार करके अंधविश्वासों में कमी ला सकते हैं। कारण व तथ्यों की मदद से सभी अनसुलझे (6) को सुलझाया जा सकता है और अंधविश्वास की जड़ों पर प्रहार किया जा सकता है। आज से कुछ शताब्दी पूर्व चेचक को भगवान् का (7) समझा जाता था। लेकिन मेडिकल विज्ञान की सहायता से इसे जड़ से ख़त्म कर दिया गया। इसके लिए आधुनिक चिकित्सा विज्ञान की प्रशंसा करनी चाहिए। कई बार ईश्वर को प्रसन्न करने के लिए मानव बलि की ख़बरें सुनाई देती हैं। यह कैसी (8) है ? यही अंधविश्वास हमें एक ही समय में हंसाने और रुलाने, दोनों का ही कार्य करता है। इसका सुधार सिर्फ लोगों में शिक्षा और ज्ञान के प्रचार द्वारा किया जा सकता है। अंधविश्वास के अनेक नुकसान है। हम इसके जाल में पड़कर अपना धन और (9) नष्ट करते है। कई बार तांत्रिकों के जादू टोने व्यक्तियों की जान तक ले लेते है। बच्चो की बलि दे दी जाती है। इतना ही नही औरतों की इज्जत से खिलवाड़ भी किया जाता है। अंधविश्वास से कभी किसी तरह का कोई (10) नही होता है। सिर्फ नुकसान ही होता है।

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    यह बहुत ही मूर्खतापूर्ण है की जब इंसान किसी बात को समझ नहीं पाता है तो वह उस चीज के लिए अंधविश्वासी हो जाता है। हम इन्हें दैवीय कारण समझकर डरने लगते हैं।
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    निर्देश: नीचे दिए गए परिच्छेद में कुछ रिक्त स्थान छोड़ दिए गए हैं तथा उन्हें प्रश्न संख्या से दर्शाया गया है। ये संख्याएँ परिच्छेद के नीचे मुद्रित हैं, और प्रत्येक में सामने (a), (b), (c) (d) और (e) विकल्प दिए गए हैं। इन पांचों में से कोई एक इस रिक्त स्थान को पूरे परिच्छेद के संदर्भ में उपयुक्त ढंग से पूरा कर देता है। आपको वह विकल्प ज्ञात करना है, और उसका क्रमांक ही उत्तर के रूप में दर्शाना है। आपको दिए गए विकल्पों में से सबसे उपयुक्त का चयन करना है।


    (1) बहुत ही बुरी चीज होती है क्योंकि इसकी जड़ें अज्ञानता में फैली होती हैं। यह हमारे भय, निराशा, असहायता व ज्ञान की कमी को दर्शाता है। यह बहुत ही दुखद है की बहुत से पढ़े-लिखे लोग भी अंधविश्वासों में जकड़े होते हैं। इस ज्ञान और विज्ञान के युग में यह हमारी बौद्धिक निर्धनता को दिखाता है। यह बहुत ही मूर्खतापूर्ण है की जब (2) किसी बात को समझ नहीं पाता है तो वह उस चीज के लिए अंधविश्वासी हो जाता है। हम इन्हें दैवीय कारण समझकर डरने लगते हैं। बहुत से अंधविश्वास बहुत ही हास्यास्पद बन जाते हैं, जैसे कि 13 नंबर को अशुभ माना जाता है या कोई छींक दे तो यात्रा के लिए मत जाओ। इसी प्रकार बिल्ली के रास्ता काटने से माना जाता है की कुछ बुरा होने वाला है। उल्लू की आवाज़ या भेड़िये की आवाज़ सुनकर अनहोनी की (3) करना, यह सब अंधविश्वास के कारण हैं। इससे यह पता चलता है की हम मानसिक स्तर पर आज भी आदिम युग में ही जी रहे हैं। कई जगहों पर तो यह भी माना जाता है की अगर घोड़े की नाल को घर के दरवाजों पर लगा दिया जाए तो वह सौभाग्य का (4) होता है। इन सभी अंधविश्वासों को मानना वास्तव में हास्यास्पद है। अंधविश्वास किसी (5) समाज या देश से नहीं जुड़े हैं बल्कि यह हर जगह पाए जाते हैं। अंधविश्वास में आस्था रखने वालों में अधिकतर गरीब, अनपढ़ व निचले तबके के लोग हैं। हम वैज्ञानिक सोच का प्रचार-प्रसार करके अंधविश्वासों में कमी ला सकते हैं। कारण व तथ्यों की मदद से सभी अनसुलझे (6) को सुलझाया जा सकता है और अंधविश्वास की जड़ों पर प्रहार किया जा सकता है। आज से कुछ शताब्दी पूर्व चेचक को भगवान् का (7) समझा जाता था। लेकिन मेडिकल विज्ञान की सहायता से इसे जड़ से ख़त्म कर दिया गया। इसके लिए आधुनिक चिकित्सा विज्ञान की प्रशंसा करनी चाहिए। कई बार ईश्वर को प्रसन्न करने के लिए मानव बलि की ख़बरें सुनाई देती हैं। यह कैसी (8) है ? यही अंधविश्वास हमें एक ही समय में हंसाने और रुलाने, दोनों का ही कार्य करता है। इसका सुधार सिर्फ लोगों में शिक्षा और ज्ञान के प्रचार द्वारा किया जा सकता है। अंधविश्वास के अनेक नुकसान है। हम इसके जाल में पड़कर अपना धन और (9) नष्ट करते है। कई बार तांत्रिकों के जादू टोने व्यक्तियों की जान तक ले लेते है। बच्चो की बलि दे दी जाती है। इतना ही नही औरतों की इज्जत से खिलवाड़ भी किया जाता है। अंधविश्वास से कभी किसी तरह का कोई (10) नही होता है। सिर्फ नुकसान ही होता है।

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    बहुत से अंधविश्वास बहुत ही हास्यास्पद बन जाते हैं, जैसे कि 13 नंबर को अशुभ माना जाता है या कोई छींक दे तो यात्रा के लिए मत जाओ। इसी प्रकार बिल्ली के रास्ता काटने से माना जाता है की कुछ बुरा होने वाला है। उल्लू की आवाज़ या भेड़िये की आवाज़ सुनकर अनहोनी की आशंका करना, यह सब अंधविश्वास के कारण हैं।
  • Question 4/10
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    निर्देश: नीचे दिए गए परिच्छेद में कुछ रिक्त स्थान छोड़ दिए गए हैं तथा उन्हें प्रश्न संख्या से दर्शाया गया है। ये संख्याएँ परिच्छेद के नीचे मुद्रित हैं, और प्रत्येक में सामने (a), (b), (c) (d) और (e) विकल्प दिए गए हैं। इन पांचों में से कोई एक इस रिक्त स्थान को पूरे परिच्छेद के संदर्भ में उपयुक्त ढंग से पूरा कर देता है। आपको वह विकल्प ज्ञात करना है, और उसका क्रमांक ही उत्तर के रूप में दर्शाना है। आपको दिए गए विकल्पों में से सबसे उपयुक्त का चयन करना है।


    (1) बहुत ही बुरी चीज होती है क्योंकि इसकी जड़ें अज्ञानता में फैली होती हैं। यह हमारे भय, निराशा, असहायता व ज्ञान की कमी को दर्शाता है। यह बहुत ही दुखद है की बहुत से पढ़े-लिखे लोग भी अंधविश्वासों में जकड़े होते हैं। इस ज्ञान और विज्ञान के युग में यह हमारी बौद्धिक निर्धनता को दिखाता है। यह बहुत ही मूर्खतापूर्ण है की जब (2) किसी बात को समझ नहीं पाता है तो वह उस चीज के लिए अंधविश्वासी हो जाता है। हम इन्हें दैवीय कारण समझकर डरने लगते हैं। बहुत से अंधविश्वास बहुत ही हास्यास्पद बन जाते हैं, जैसे कि 13 नंबर को अशुभ माना जाता है या कोई छींक दे तो यात्रा के लिए मत जाओ। इसी प्रकार बिल्ली के रास्ता काटने से माना जाता है की कुछ बुरा होने वाला है। उल्लू की आवाज़ या भेड़िये की आवाज़ सुनकर अनहोनी की (3) करना, यह सब अंधविश्वास के कारण हैं। इससे यह पता चलता है की हम मानसिक स्तर पर आज भी आदिम युग में ही जी रहे हैं। कई जगहों पर तो यह भी माना जाता है की अगर घोड़े की नाल को घर के दरवाजों पर लगा दिया जाए तो वह सौभाग्य का (4) होता है। इन सभी अंधविश्वासों को मानना वास्तव में हास्यास्पद है। अंधविश्वास किसी (5) समाज या देश से नहीं जुड़े हैं बल्कि यह हर जगह पाए जाते हैं। अंधविश्वास में आस्था रखने वालों में अधिकतर गरीब, अनपढ़ व निचले तबके के लोग हैं। हम वैज्ञानिक सोच का प्रचार-प्रसार करके अंधविश्वासों में कमी ला सकते हैं। कारण व तथ्यों की मदद से सभी अनसुलझे (6) को सुलझाया जा सकता है और अंधविश्वास की जड़ों पर प्रहार किया जा सकता है। आज से कुछ शताब्दी पूर्व चेचक को भगवान् का (7) समझा जाता था। लेकिन मेडिकल विज्ञान की सहायता से इसे जड़ से ख़त्म कर दिया गया। इसके लिए आधुनिक चिकित्सा विज्ञान की प्रशंसा करनी चाहिए। कई बार ईश्वर को प्रसन्न करने के लिए मानव बलि की ख़बरें सुनाई देती हैं। यह कैसी (8) है ? यही अंधविश्वास हमें एक ही समय में हंसाने और रुलाने, दोनों का ही कार्य करता है। इसका सुधार सिर्फ लोगों में शिक्षा और ज्ञान के प्रचार द्वारा किया जा सकता है। अंधविश्वास के अनेक नुकसान है। हम इसके जाल में पड़कर अपना धन और (9) नष्ट करते है। कई बार तांत्रिकों के जादू टोने व्यक्तियों की जान तक ले लेते है। बच्चो की बलि दे दी जाती है। इतना ही नही औरतों की इज्जत से खिलवाड़ भी किया जाता है। अंधविश्वास से कभी किसी तरह का कोई (10) नही होता है। सिर्फ नुकसान ही होता है।

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    दिए गये विकल्पों में से सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिये
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    इससे यह पता चलता है की हम मानसिक स्तर पर आज भी आदिम युग में ही जी रहे हैं। कई जगहों पर तो यह भी माना जाता है की अगर घोड़े की नाल को घर के दरवाजों पर लगा दिया जाए तो वह सौभाग्य का प्रतीक होता है। इन सभी अंधविश्वासों को मानना वास्तव में हास्यास्पद है।
  • Question 5/10
    1 / -0.25

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    निर्देश: नीचे दिए गए परिच्छेद में कुछ रिक्त स्थान छोड़ दिए गए हैं तथा उन्हें प्रश्न संख्या से दर्शाया गया है। ये संख्याएँ परिच्छेद के नीचे मुद्रित हैं, और प्रत्येक में सामने (a), (b), (c) (d) और (e) विकल्प दिए गए हैं। इन पांचों में से कोई एक इस रिक्त स्थान को पूरे परिच्छेद के संदर्भ में उपयुक्त ढंग से पूरा कर देता है। आपको वह विकल्प ज्ञात करना है, और उसका क्रमांक ही उत्तर के रूप में दर्शाना है। आपको दिए गए विकल्पों में से सबसे उपयुक्त का चयन करना है।


    (1) बहुत ही बुरी चीज होती है क्योंकि इसकी जड़ें अज्ञानता में फैली होती हैं। यह हमारे भय, निराशा, असहायता व ज्ञान की कमी को दर्शाता है। यह बहुत ही दुखद है की बहुत से पढ़े-लिखे लोग भी अंधविश्वासों में जकड़े होते हैं। इस ज्ञान और विज्ञान के युग में यह हमारी बौद्धिक निर्धनता को दिखाता है। यह बहुत ही मूर्खतापूर्ण है की जब (2) किसी बात को समझ नहीं पाता है तो वह उस चीज के लिए अंधविश्वासी हो जाता है। हम इन्हें दैवीय कारण समझकर डरने लगते हैं। बहुत से अंधविश्वास बहुत ही हास्यास्पद बन जाते हैं, जैसे कि 13 नंबर को अशुभ माना जाता है या कोई छींक दे तो यात्रा के लिए मत जाओ। इसी प्रकार बिल्ली के रास्ता काटने से माना जाता है की कुछ बुरा होने वाला है। उल्लू की आवाज़ या भेड़िये की आवाज़ सुनकर अनहोनी की (3) करना, यह सब अंधविश्वास के कारण हैं। इससे यह पता चलता है की हम मानसिक स्तर पर आज भी आदिम युग में ही जी रहे हैं। कई जगहों पर तो यह भी माना जाता है की अगर घोड़े की नाल को घर के दरवाजों पर लगा दिया जाए तो वह सौभाग्य का (4) होता है। इन सभी अंधविश्वासों को मानना वास्तव में हास्यास्पद है। अंधविश्वास किसी (5) समाज या देश से नहीं जुड़े हैं बल्कि यह हर जगह पाए जाते हैं। अंधविश्वास में आस्था रखने वालों में अधिकतर गरीब, अनपढ़ व निचले तबके के लोग हैं। हम वैज्ञानिक सोच का प्रचार-प्रसार करके अंधविश्वासों में कमी ला सकते हैं। कारण व तथ्यों की मदद से सभी अनसुलझे (6) को सुलझाया जा सकता है और अंधविश्वास की जड़ों पर प्रहार किया जा सकता है। आज से कुछ शताब्दी पूर्व चेचक को भगवान् का (7) समझा जाता था। लेकिन मेडिकल विज्ञान की सहायता से इसे जड़ से ख़त्म कर दिया गया। इसके लिए आधुनिक चिकित्सा विज्ञान की प्रशंसा करनी चाहिए। कई बार ईश्वर को प्रसन्न करने के लिए मानव बलि की ख़बरें सुनाई देती हैं। यह कैसी (8) है ? यही अंधविश्वास हमें एक ही समय में हंसाने और रुलाने, दोनों का ही कार्य करता है। इसका सुधार सिर्फ लोगों में शिक्षा और ज्ञान के प्रचार द्वारा किया जा सकता है। अंधविश्वास के अनेक नुकसान है। हम इसके जाल में पड़कर अपना धन और (9) नष्ट करते है। कई बार तांत्रिकों के जादू टोने व्यक्तियों की जान तक ले लेते है। बच्चो की बलि दे दी जाती है। इतना ही नही औरतों की इज्जत से खिलवाड़ भी किया जाता है। अंधविश्वास से कभी किसी तरह का कोई (10) नही होता है। सिर्फ नुकसान ही होता है।

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    अंधविश्वास किसी विशेष समाज या देश से नहीं जुड़े हैं बल्कि यह हर जगह पाए जाते हैं। अंधविश्वास में आस्था रखने वालों में अधिकतर गरीब, अनपढ़ व निचले तबके के लोग हैं।
  • Question 6/10
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    निर्देश: नीचे दिए गए परिच्छेद में कुछ रिक्त स्थान छोड़ दिए गए हैं तथा उन्हें प्रश्न संख्या से दर्शाया गया है। ये संख्याएँ परिच्छेद के नीचे मुद्रित हैं, और प्रत्येक में सामने (a), (b), (c) (d) और (e) विकल्प दिए गए हैं। इन पांचों में से कोई एक इस रिक्त स्थान को पूरे परिच्छेद के संदर्भ में उपयुक्त ढंग से पूरा कर देता है। आपको वह विकल्प ज्ञात करना है, और उसका क्रमांक ही उत्तर के रूप में दर्शाना है। आपको दिए गए विकल्पों में से सबसे उपयुक्त का चयन करना है।


    (1) बहुत ही बुरी चीज होती है क्योंकि इसकी जड़ें अज्ञानता में फैली होती हैं। यह हमारे भय, निराशा, असहायता व ज्ञान की कमी को दर्शाता है। यह बहुत ही दुखद है की बहुत से पढ़े-लिखे लोग भी अंधविश्वासों में जकड़े होते हैं। इस ज्ञान और विज्ञान के युग में यह हमारी बौद्धिक निर्धनता को दिखाता है। यह बहुत ही मूर्खतापूर्ण है की जब (2) किसी बात को समझ नहीं पाता है तो वह उस चीज के लिए अंधविश्वासी हो जाता है। हम इन्हें दैवीय कारण समझकर डरने लगते हैं। बहुत से अंधविश्वास बहुत ही हास्यास्पद बन जाते हैं, जैसे कि 13 नंबर को अशुभ माना जाता है या कोई छींक दे तो यात्रा के लिए मत जाओ। इसी प्रकार बिल्ली के रास्ता काटने से माना जाता है की कुछ बुरा होने वाला है। उल्लू की आवाज़ या भेड़िये की आवाज़ सुनकर अनहोनी की (3) करना, यह सब अंधविश्वास के कारण हैं। इससे यह पता चलता है की हम मानसिक स्तर पर आज भी आदिम युग में ही जी रहे हैं। कई जगहों पर तो यह भी माना जाता है की अगर घोड़े की नाल को घर के दरवाजों पर लगा दिया जाए तो वह सौभाग्य का (4) होता है। इन सभी अंधविश्वासों को मानना वास्तव में हास्यास्पद है। अंधविश्वास किसी (5) समाज या देश से नहीं जुड़े हैं बल्कि यह हर जगह पाए जाते हैं। अंधविश्वास में आस्था रखने वालों में अधिकतर गरीब, अनपढ़ व निचले तबके के लोग हैं। हम वैज्ञानिक सोच का प्रचार-प्रसार करके अंधविश्वासों में कमी ला सकते हैं। कारण व तथ्यों की मदद से सभी अनसुलझे (6) को सुलझाया जा सकता है और अंधविश्वास की जड़ों पर प्रहार किया जा सकता है। आज से कुछ शताब्दी पूर्व चेचक को भगवान् का (7) समझा जाता था। लेकिन मेडिकल विज्ञान की सहायता से इसे जड़ से ख़त्म कर दिया गया। इसके लिए आधुनिक चिकित्सा विज्ञान की प्रशंसा करनी चाहिए। कई बार ईश्वर को प्रसन्न करने के लिए मानव बलि की ख़बरें सुनाई देती हैं। यह कैसी (8) है ? यही अंधविश्वास हमें एक ही समय में हंसाने और रुलाने, दोनों का ही कार्य करता है। इसका सुधार सिर्फ लोगों में शिक्षा और ज्ञान के प्रचार द्वारा किया जा सकता है। अंधविश्वास के अनेक नुकसान है। हम इसके जाल में पड़कर अपना धन और (9) नष्ट करते है। कई बार तांत्रिकों के जादू टोने व्यक्तियों की जान तक ले लेते है। बच्चो की बलि दे दी जाती है। इतना ही नही औरतों की इज्जत से खिलवाड़ भी किया जाता है। अंधविश्वास से कभी किसी तरह का कोई (10) नही होता है। सिर्फ नुकसान ही होता है।

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    कारण व तथ्यों की मदद से सभी अनसुलझे रहस्यों को सुलझाया जा सकता है और अंधविश्वास की जड़ों पर प्रहार किया जा सकता है।
  • Question 7/10
    1 / -0.25

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    निर्देश: नीचे दिए गए परिच्छेद में कुछ रिक्त स्थान छोड़ दिए गए हैं तथा उन्हें प्रश्न संख्या से दर्शाया गया है। ये संख्याएँ परिच्छेद के नीचे मुद्रित हैं, और प्रत्येक में सामने (a), (b), (c) (d) और (e) विकल्प दिए गए हैं। इन पांचों में से कोई एक इस रिक्त स्थान को पूरे परिच्छेद के संदर्भ में उपयुक्त ढंग से पूरा कर देता है। आपको वह विकल्प ज्ञात करना है, और उसका क्रमांक ही उत्तर के रूप में दर्शाना है। आपको दिए गए विकल्पों में से सबसे उपयुक्त का चयन करना है।


    (1) बहुत ही बुरी चीज होती है क्योंकि इसकी जड़ें अज्ञानता में फैली होती हैं। यह हमारे भय, निराशा, असहायता व ज्ञान की कमी को दर्शाता है। यह बहुत ही दुखद है की बहुत से पढ़े-लिखे लोग भी अंधविश्वासों में जकड़े होते हैं। इस ज्ञान और विज्ञान के युग में यह हमारी बौद्धिक निर्धनता को दिखाता है। यह बहुत ही मूर्खतापूर्ण है की जब (2) किसी बात को समझ नहीं पाता है तो वह उस चीज के लिए अंधविश्वासी हो जाता है। हम इन्हें दैवीय कारण समझकर डरने लगते हैं। बहुत से अंधविश्वास बहुत ही हास्यास्पद बन जाते हैं, जैसे कि 13 नंबर को अशुभ माना जाता है या कोई छींक दे तो यात्रा के लिए मत जाओ। इसी प्रकार बिल्ली के रास्ता काटने से माना जाता है की कुछ बुरा होने वाला है। उल्लू की आवाज़ या भेड़िये की आवाज़ सुनकर अनहोनी की (3) करना, यह सब अंधविश्वास के कारण हैं। इससे यह पता चलता है की हम मानसिक स्तर पर आज भी आदिम युग में ही जी रहे हैं। कई जगहों पर तो यह भी माना जाता है की अगर घोड़े की नाल को घर के दरवाजों पर लगा दिया जाए तो वह सौभाग्य का (4) होता है। इन सभी अंधविश्वासों को मानना वास्तव में हास्यास्पद है। अंधविश्वास किसी (5) समाज या देश से नहीं जुड़े हैं बल्कि यह हर जगह पाए जाते हैं। अंधविश्वास में आस्था रखने वालों में अधिकतर गरीब, अनपढ़ व निचले तबके के लोग हैं। हम वैज्ञानिक सोच का प्रचार-प्रसार करके अंधविश्वासों में कमी ला सकते हैं। कारण व तथ्यों की मदद से सभी अनसुलझे (6) को सुलझाया जा सकता है और अंधविश्वास की जड़ों पर प्रहार किया जा सकता है। आज से कुछ शताब्दी पूर्व चेचक को भगवान् का (7) समझा जाता था। लेकिन मेडिकल विज्ञान की सहायता से इसे जड़ से ख़त्म कर दिया गया। इसके लिए आधुनिक चिकित्सा विज्ञान की प्रशंसा करनी चाहिए। कई बार ईश्वर को प्रसन्न करने के लिए मानव बलि की ख़बरें सुनाई देती हैं। यह कैसी (8) है ? यही अंधविश्वास हमें एक ही समय में हंसाने और रुलाने, दोनों का ही कार्य करता है। इसका सुधार सिर्फ लोगों में शिक्षा और ज्ञान के प्रचार द्वारा किया जा सकता है। अंधविश्वास के अनेक नुकसान है। हम इसके जाल में पड़कर अपना धन और (9) नष्ट करते है। कई बार तांत्रिकों के जादू टोने व्यक्तियों की जान तक ले लेते है। बच्चो की बलि दे दी जाती है। इतना ही नही औरतों की इज्जत से खिलवाड़ भी किया जाता है। अंधविश्वास से कभी किसी तरह का कोई (10) नही होता है। सिर्फ नुकसान ही होता है।

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    आज से कुछ शताब्दी पूर्व चेचक को भगवान् का प्रकोप समझा जाता था। लेकिन मेडिकल विज्ञान की सहायता से इसे जड़ से ख़त्म कर दिया गया। इसके लिए आधुनिक चिकित्सा विज्ञान की प्रशंसा करनी चाहिए।
  • Question 8/10
    1 / -0.25

    Directions For Questions

    निर्देश: नीचे दिए गए परिच्छेद में कुछ रिक्त स्थान छोड़ दिए गए हैं तथा उन्हें प्रश्न संख्या से दर्शाया गया है। ये संख्याएँ परिच्छेद के नीचे मुद्रित हैं, और प्रत्येक में सामने (a), (b), (c) (d) और (e) विकल्प दिए गए हैं। इन पांचों में से कोई एक इस रिक्त स्थान को पूरे परिच्छेद के संदर्भ में उपयुक्त ढंग से पूरा कर देता है। आपको वह विकल्प ज्ञात करना है, और उसका क्रमांक ही उत्तर के रूप में दर्शाना है। आपको दिए गए विकल्पों में से सबसे उपयुक्त का चयन करना है।


    (1) बहुत ही बुरी चीज होती है क्योंकि इसकी जड़ें अज्ञानता में फैली होती हैं। यह हमारे भय, निराशा, असहायता व ज्ञान की कमी को दर्शाता है। यह बहुत ही दुखद है की बहुत से पढ़े-लिखे लोग भी अंधविश्वासों में जकड़े होते हैं। इस ज्ञान और विज्ञान के युग में यह हमारी बौद्धिक निर्धनता को दिखाता है। यह बहुत ही मूर्खतापूर्ण है की जब (2) किसी बात को समझ नहीं पाता है तो वह उस चीज के लिए अंधविश्वासी हो जाता है। हम इन्हें दैवीय कारण समझकर डरने लगते हैं। बहुत से अंधविश्वास बहुत ही हास्यास्पद बन जाते हैं, जैसे कि 13 नंबर को अशुभ माना जाता है या कोई छींक दे तो यात्रा के लिए मत जाओ। इसी प्रकार बिल्ली के रास्ता काटने से माना जाता है की कुछ बुरा होने वाला है। उल्लू की आवाज़ या भेड़िये की आवाज़ सुनकर अनहोनी की (3) करना, यह सब अंधविश्वास के कारण हैं। इससे यह पता चलता है की हम मानसिक स्तर पर आज भी आदिम युग में ही जी रहे हैं। कई जगहों पर तो यह भी माना जाता है की अगर घोड़े की नाल को घर के दरवाजों पर लगा दिया जाए तो वह सौभाग्य का (4) होता है। इन सभी अंधविश्वासों को मानना वास्तव में हास्यास्पद है। अंधविश्वास किसी (5) समाज या देश से नहीं जुड़े हैं बल्कि यह हर जगह पाए जाते हैं। अंधविश्वास में आस्था रखने वालों में अधिकतर गरीब, अनपढ़ व निचले तबके के लोग हैं। हम वैज्ञानिक सोच का प्रचार-प्रसार करके अंधविश्वासों में कमी ला सकते हैं। कारण व तथ्यों की मदद से सभी अनसुलझे (6) को सुलझाया जा सकता है और अंधविश्वास की जड़ों पर प्रहार किया जा सकता है। आज से कुछ शताब्दी पूर्व चेचक को भगवान् का (7) समझा जाता था। लेकिन मेडिकल विज्ञान की सहायता से इसे जड़ से ख़त्म कर दिया गया। इसके लिए आधुनिक चिकित्सा विज्ञान की प्रशंसा करनी चाहिए। कई बार ईश्वर को प्रसन्न करने के लिए मानव बलि की ख़बरें सुनाई देती हैं। यह कैसी (8) है ? यही अंधविश्वास हमें एक ही समय में हंसाने और रुलाने, दोनों का ही कार्य करता है। इसका सुधार सिर्फ लोगों में शिक्षा और ज्ञान के प्रचार द्वारा किया जा सकता है। अंधविश्वास के अनेक नुकसान है। हम इसके जाल में पड़कर अपना धन और (9) नष्ट करते है। कई बार तांत्रिकों के जादू टोने व्यक्तियों की जान तक ले लेते है। बच्चो की बलि दे दी जाती है। इतना ही नही औरतों की इज्जत से खिलवाड़ भी किया जाता है। अंधविश्वास से कभी किसी तरह का कोई (10) नही होता है। सिर्फ नुकसान ही होता है।

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    दिए गये विकल्पों में से सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिये
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    कई बार ईश्वर को प्रसन्न करने के लिए मानव बलि की ख़बरें सुनाई देती हैं। यह कैसी मूर्खता है ? यही अंधविश्वास हमें एक ही समय में हंसाने और रुलाने, दोनों का ही कार्य करता है। इसका सुधार सिर्फ लोगों में शिक्षा और ज्ञान के प्रचार द्वारा किया जा सकता है।
  • Question 9/10
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    निर्देश: नीचे दिए गए परिच्छेद में कुछ रिक्त स्थान छोड़ दिए गए हैं तथा उन्हें प्रश्न संख्या से दर्शाया गया है। ये संख्याएँ परिच्छेद के नीचे मुद्रित हैं, और प्रत्येक में सामने (a), (b), (c) (d) और (e) विकल्प दिए गए हैं। इन पांचों में से कोई एक इस रिक्त स्थान को पूरे परिच्छेद के संदर्भ में उपयुक्त ढंग से पूरा कर देता है। आपको वह विकल्प ज्ञात करना है, और उसका क्रमांक ही उत्तर के रूप में दर्शाना है। आपको दिए गए विकल्पों में से सबसे उपयुक्त का चयन करना है।


    (1) बहुत ही बुरी चीज होती है क्योंकि इसकी जड़ें अज्ञानता में फैली होती हैं। यह हमारे भय, निराशा, असहायता व ज्ञान की कमी को दर्शाता है। यह बहुत ही दुखद है की बहुत से पढ़े-लिखे लोग भी अंधविश्वासों में जकड़े होते हैं। इस ज्ञान और विज्ञान के युग में यह हमारी बौद्धिक निर्धनता को दिखाता है। यह बहुत ही मूर्खतापूर्ण है की जब (2) किसी बात को समझ नहीं पाता है तो वह उस चीज के लिए अंधविश्वासी हो जाता है। हम इन्हें दैवीय कारण समझकर डरने लगते हैं। बहुत से अंधविश्वास बहुत ही हास्यास्पद बन जाते हैं, जैसे कि 13 नंबर को अशुभ माना जाता है या कोई छींक दे तो यात्रा के लिए मत जाओ। इसी प्रकार बिल्ली के रास्ता काटने से माना जाता है की कुछ बुरा होने वाला है। उल्लू की आवाज़ या भेड़िये की आवाज़ सुनकर अनहोनी की (3) करना, यह सब अंधविश्वास के कारण हैं। इससे यह पता चलता है की हम मानसिक स्तर पर आज भी आदिम युग में ही जी रहे हैं। कई जगहों पर तो यह भी माना जाता है की अगर घोड़े की नाल को घर के दरवाजों पर लगा दिया जाए तो वह सौभाग्य का (4) होता है। इन सभी अंधविश्वासों को मानना वास्तव में हास्यास्पद है। अंधविश्वास किसी (5) समाज या देश से नहीं जुड़े हैं बल्कि यह हर जगह पाए जाते हैं। अंधविश्वास में आस्था रखने वालों में अधिकतर गरीब, अनपढ़ व निचले तबके के लोग हैं। हम वैज्ञानिक सोच का प्रचार-प्रसार करके अंधविश्वासों में कमी ला सकते हैं। कारण व तथ्यों की मदद से सभी अनसुलझे (6) को सुलझाया जा सकता है और अंधविश्वास की जड़ों पर प्रहार किया जा सकता है। आज से कुछ शताब्दी पूर्व चेचक को भगवान् का (7) समझा जाता था। लेकिन मेडिकल विज्ञान की सहायता से इसे जड़ से ख़त्म कर दिया गया। इसके लिए आधुनिक चिकित्सा विज्ञान की प्रशंसा करनी चाहिए। कई बार ईश्वर को प्रसन्न करने के लिए मानव बलि की ख़बरें सुनाई देती हैं। यह कैसी (8) है ? यही अंधविश्वास हमें एक ही समय में हंसाने और रुलाने, दोनों का ही कार्य करता है। इसका सुधार सिर्फ लोगों में शिक्षा और ज्ञान के प्रचार द्वारा किया जा सकता है। अंधविश्वास के अनेक नुकसान है। हम इसके जाल में पड़कर अपना धन और (9) नष्ट करते है। कई बार तांत्रिकों के जादू टोने व्यक्तियों की जान तक ले लेते है। बच्चो की बलि दे दी जाती है। इतना ही नही औरतों की इज्जत से खिलवाड़ भी किया जाता है। अंधविश्वास से कभी किसी तरह का कोई (10) नही होता है। सिर्फ नुकसान ही होता है।

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    अंधविश्वास के अनेक नुकसान है। हम इसके जाल में पड़कर अपना धन और समय नष्ट करते है। कई बार तांत्रिकों के जादू टोने व्यक्तियों की जान तक ले लेते है।
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    निर्देश: नीचे दिए गए परिच्छेद में कुछ रिक्त स्थान छोड़ दिए गए हैं तथा उन्हें प्रश्न संख्या से दर्शाया गया है। ये संख्याएँ परिच्छेद के नीचे मुद्रित हैं, और प्रत्येक में सामने (a), (b), (c) (d) और (e) विकल्प दिए गए हैं। इन पांचों में से कोई एक इस रिक्त स्थान को पूरे परिच्छेद के संदर्भ में उपयुक्त ढंग से पूरा कर देता है। आपको वह विकल्प ज्ञात करना है, और उसका क्रमांक ही उत्तर के रूप में दर्शाना है। आपको दिए गए विकल्पों में से सबसे उपयुक्त का चयन करना है।


    (1) बहुत ही बुरी चीज होती है क्योंकि इसकी जड़ें अज्ञानता में फैली होती हैं। यह हमारे भय, निराशा, असहायता व ज्ञान की कमी को दर्शाता है। यह बहुत ही दुखद है की बहुत से पढ़े-लिखे लोग भी अंधविश्वासों में जकड़े होते हैं। इस ज्ञान और विज्ञान के युग में यह हमारी बौद्धिक निर्धनता को दिखाता है। यह बहुत ही मूर्खतापूर्ण है की जब (2) किसी बात को समझ नहीं पाता है तो वह उस चीज के लिए अंधविश्वासी हो जाता है। हम इन्हें दैवीय कारण समझकर डरने लगते हैं। बहुत से अंधविश्वास बहुत ही हास्यास्पद बन जाते हैं, जैसे कि 13 नंबर को अशुभ माना जाता है या कोई छींक दे तो यात्रा के लिए मत जाओ। इसी प्रकार बिल्ली के रास्ता काटने से माना जाता है की कुछ बुरा होने वाला है। उल्लू की आवाज़ या भेड़िये की आवाज़ सुनकर अनहोनी की (3) करना, यह सब अंधविश्वास के कारण हैं। इससे यह पता चलता है की हम मानसिक स्तर पर आज भी आदिम युग में ही जी रहे हैं। कई जगहों पर तो यह भी माना जाता है की अगर घोड़े की नाल को घर के दरवाजों पर लगा दिया जाए तो वह सौभाग्य का (4) होता है। इन सभी अंधविश्वासों को मानना वास्तव में हास्यास्पद है। अंधविश्वास किसी (5) समाज या देश से नहीं जुड़े हैं बल्कि यह हर जगह पाए जाते हैं। अंधविश्वास में आस्था रखने वालों में अधिकतर गरीब, अनपढ़ व निचले तबके के लोग हैं। हम वैज्ञानिक सोच का प्रचार-प्रसार करके अंधविश्वासों में कमी ला सकते हैं। कारण व तथ्यों की मदद से सभी अनसुलझे (6) को सुलझाया जा सकता है और अंधविश्वास की जड़ों पर प्रहार किया जा सकता है। आज से कुछ शताब्दी पूर्व चेचक को भगवान् का (7) समझा जाता था। लेकिन मेडिकल विज्ञान की सहायता से इसे जड़ से ख़त्म कर दिया गया। इसके लिए आधुनिक चिकित्सा विज्ञान की प्रशंसा करनी चाहिए। कई बार ईश्वर को प्रसन्न करने के लिए मानव बलि की ख़बरें सुनाई देती हैं। यह कैसी (8) है ? यही अंधविश्वास हमें एक ही समय में हंसाने और रुलाने, दोनों का ही कार्य करता है। इसका सुधार सिर्फ लोगों में शिक्षा और ज्ञान के प्रचार द्वारा किया जा सकता है। अंधविश्वास के अनेक नुकसान है। हम इसके जाल में पड़कर अपना धन और (9) नष्ट करते है। कई बार तांत्रिकों के जादू टोने व्यक्तियों की जान तक ले लेते है। बच्चो की बलि दे दी जाती है। इतना ही नही औरतों की इज्जत से खिलवाड़ भी किया जाता है। अंधविश्वास से कभी किसी तरह का कोई (10) नही होता है। सिर्फ नुकसान ही होता है।

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    बच्चो की बलि दे दी जाती है। इतना ही नही औरतों की इज्जत से खिलवाड़ भी किया जाता है। अंधविश्वास से कभी किसी तरह का कोई फायदा नही होता है। सिर्फ नुकसान ही होता है।
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