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प्रश्न का हिन्दी अनुवाद - 'बालः पाषाणं क्षिपति' वाक्य का वाच्य परिवर्तन करो -
स्पष्टीकरण -
वाच्य - किसी वाक्य के वाच्य से ज्ञात होता है कि वाक्य में कर्ता, कर्म या भाव प्रधान है। संस्कृत में तीन वाच्य होते हैं-
१. कर्तृवाच्य २. कर्मवाच्य ३. भाववाच्य
वाच्य
विशेष
उदाहरण
कर्तृवाच्य
प्रधान- कर्ता
कर्ता- प्रथमा में
कर्म- द्वितीया में
क्रियापद- कर्तानुसार (धातु + प.प./आ.प.)
अहं विद्यालयं गच्छामि।
कर्मवाच्य
प्रधान- कर्म
कर्ता- तृतीया में
कर्म- प्रथमा में
क्रियापद- कर्मानुसार, (धातु + य + आ.प.)
तेन ग्रन्थः पठ्यते।
भाववाच्य
प्रधान- भाव
कर्म- नहीं होता
क्रियापद- कर्मानुसार, (धातु + य + आ.प.), नित्य प्र.पु. ए.व
बालकेन क्रीडयते।
Important Points
'बालः पाषाणं क्षिपति' इस वाक्य में 'बालः' कर्ता, ‘पाषाणम्’ कर्म है और क्रिया कर्ता के अनुसार है, इसलिए यह वाक्य कर्तृवाच्य है। बालेन पाषाणः क्षिप्यते
वाच्यपरिवर्तन-
कर्ता
बालः (प्रथमा)
बालेन (तृतीया)
कर्म
पाषाणं (द्वितीया)
पाषाणः (प्रथमा)
क्रिया
क्षिपति। [कर्तानुसार (धातु + प.प./आ.प.)]
क्षिप्यते। [कर्मानुसार, (धातु + य + आ.प.)]
इससे यह स्पष्ट होता है कि 'बालः पाषाणं क्षिपति' इस वाक्य का वाच्यपरिवर्तन ‘बालेन पाषाणः क्षिप्यते।’ होगा।
प्रश्न का हिन्दी अनुवाद - 'श्यामेन जलं पीयते।' वाक्य का वाच्य परिवर्तन करो -
'श्यामः जलं पिबति।' इस वाक्य में 'श्यामः' कर्ता, ‘जलम्’ कर्म है और क्रिया कर्ता के अनुसार है, इसलिए यह वाक्य कर्तृवाच्य है।
श्यामः (प्रथमा)
श्यामेन (तृतीया)
जलं (द्वितीया)
जलं (प्रथमा)
पिबति। [कर्तानुसार (धातु + प.प./आ.प.)]
पीयते। [कर्मानुसार, (धातु + य + आ.प.)]
इससे यह स्पष्ट होता है कि 'श्यामः जलं पिबति।' इस वाक्य का वाच्यपरिवर्तन ‘श्यामेन जलं पीयते।’ होगा
प्रश्नानुवाद - कर्तृवाच्य के अनुरूप शुद्ध वाक्य है-
अतः कहा जा सकता है कि ताः पुस्तकं पठन्ति शुद्ध वाक्य है।
Additional Information
अन्य विकल्पों का स्पष्टीकरण -
प्रश्न का हिन्दी अनुवाद - 'कवि काव्यं करोति।' वाक्य का वाच्य परिवर्तन करो -
Key Points
'कवि काव्यं करोति' इस वाक्य में 'कवि' कर्ता, ‘काव्य’ कर्म है और क्रिया कर्ता के अनुसार है, इसलिए यह वाक्य कर्तृवाच्य है।
कवि (प्रथमा)
कविना (तृतीया)
काव्यं (द्वितीया)
काव्यं (प्रथमा)
करोति। [कर्तानुसार (धातु + प.प./आ.प.)]
क्रियते। [कर्मानुसार, (धातु + य + आ.प.)]
इससे यह स्पष्ट होता है कि 'कवि काव्यं करोति' इस वाक्य का वाच्यपरिवर्तन ‘कविना काव्यं क्रियते।’ होगा।
प्रश्नानुवाद - 'अहं त्वां पश्यामि' इस वाक्य का कर्मवाच्य होता है ________
'अहं त्वां पश्यामि।' इस वाक्य में 'अहं' यह बहुवचन कर्ता, ‘त्वां’ यह एकवचन कर्म है और क्रिया कर्ता के अनुसार है, इसलिए यह वाक्य कर्तृवाच्य है।
अहम् (प्रथमा)
मया (तृतीया)
त्वां (द्वितीया)
त्वं (प्रथमा)
पश्यामि। [कर्तानुसार (धातु + प.प./आ.प.)]
दृश्यते। [कर्मानुसार, (धातु + य + आ.प.)]
इससे यह स्पष्ट होता है कि 'अहं त्वां पश्यामि।' इस वाक्य का वाच्य परिवर्तन ‘मया त्वं दृश्यते।’ होगा।
प्रश्न का अनुवाद - 'बालकः पुस्तकं पठति' इस वाक्य का वाच्यपरिवर्तन होगा -
स्पष्टीकरण - 'बालकः पुस्तकं पठति' इस वाक्य का वाच्यपरिवर्तन होगा - बालकेन पुस्तकं पठ्यते।
कर्तुवाच्य - बालकः पुस्तकं पठति।
कर्मवाच्य - बालकेन पुस्तकं पठ्यते।
कर्मवाच्य -
प्रश्नानुवाद - निम्नलिखित में से कर्मवाच्य का उदाहरण है-
अतः स्पष्ट है कि यहाँ रमया प्रातःकाले मन्दिरं गम्यते कर्मवाच्य का उदाहरण है।
संस्कृत में तीन वाच्य होते हैं। 1. कर्तृवाच्य, 2. कर्मवाच्य, 3. भाववाच्य
नियम
कर्ता + कर्म में द्वितीया विभक्ति + कर्ता के अनुसार क्रिया का पुरुष एवं वचन
रामः पुस्तकं पठति।
कर्ता + कर्म + क्रिया
कर्ता में तृ.वि. + कर्म में प्रथमा विभक्ति (एक., द्वि., बहु.) + क्रिया का वचन कर्म के अनुसार (आत्मनेपद में)
छात्रैः पुस्तकानि पठ्यन्ते।
कर्ता में तृ.वि. + प्रथमा विभक्ति (एक., द्वि., बहु.) + क्रिया का वचन कर्म के अनुसार (आत्मनेपद में)
कर्ता में तृ.वि. + क्रिया में प्रथमपुरुष एकवचन (आत्मनेपद में)
(यह अकर्मक क्रियाओं में होता है।)
रामेण हस्यते।
कर्ता में तृ.वि. + क्रिया में प्रथम पुरुष-एकवचन (आत्मनेपद में)
Additional Informationअन्य विकल्पों का स्पष्टीकरण -
प्रश्न का हिन्दी अनुवाद - 'रामः युद्धं करोति' इस वाक्य का वाच्यपरिवर्तन करें -
किसी वाक्य के वाच्य से ज्ञात होता है कि वाक्य में कर्ता, कर्म या भाव प्रधान है। संस्कृत में तीन वाच्य होते हैं-
नाम
परिभाषा
क्रिया अकर्मक, सकर्मक दोनों होती है और क्रिया द्वारा कर्ता उक्त होता है। कर्ता में प्रथमा विभक्ति तथा कर्म में द्वितिया विभक्ति होती है।
सः गृहं गच्छति।
मयूराः नृत्यन्ति।
क्रिया सकर्मक होती है और क्रिया द्वारा कर्म उक्त होता है। यहाँ कर्ता में तृतीया और कर्म प्रथमा विभक्ति में होती है।
तेन विद्यालयः गम्यते।
अकर्मक क्रिया होती है और क्रिया द्वारा भाव उक्त होता है। यहाँ कर्ता में तृतीया विभक्ति होती है और कर्म नहीं होता।
मया हस्यते।
मयूरैः नृत्यते।
अब हम अगर इस वाक्य को देखें तो स्पष्ट होता है-
रामः (प्रथमपुरुष प्रथमा विभक्ति एकवचन)
रामेण (प्रथमपुरुष तृतीया विभक्ति एकवचन)
युद्धं (द्वितीया विभक्ति एकवचन)
यद्धं (प्रथमा विभक्ति एकवचन)
करोति [कर्तानुसार (प्रथमपुरुष एकवचन)]
क्रियते [कर्मानुसार, (प्रथम पुरुष एकवचन)]
इससे यह स्पष्ट होता है कि 'रामः युद्धं करोति' इस वाक्य का वाच्यपरिवर्तन ‘रामेण युद्धं क्रियते।’ होगा।
प्रश्नानुवाद - 'जनाः कथां शृण्वन्ति।' इस वाक्य का वाच्य परिवर्तन करें।
प्रश्नानुवाद - 'रामः ग्रन्थान् पठति' वाच्य परिवर्तन करे।
अतः स्पष्ट है कि वाच्य परिवर्तन होने पर रामेण ग्रन्थाः पठ्यन्ते यह वाक्य सही उत्तर होगा।
कर्तरिवाच्य
Correct (-)
Wrong (-)
Skipped (-)